गर्भवती होने के बाद ज्‍यादातर महिलाएं अपने पति से दूर रहने की कोशिश करती हैं। वो सोचती हैं कि ऐसे समय में संभोग करने से बच्‍चे पर असर पड़ेगा। यही बात पति भी सोचते हैं। पति-पत्‍नी एक दूसरे से तब और दूरियां बना लेते हैं, जब प्रेगनेंसी टेस्‍ट पॉजिटिव होने पर डॉक्‍टर संभोग करने से मना कर देते हैं।
लेकिन क्‍या हर व्‍यक्ति के लिए 9 महीने तक सेक्‍स नहीं करना आसान बात है? क्‍या गर्भावस्‍था के दौरान सेक्‍स करने से वाकई में बच्‍चे पर असर पड़ता है? क्‍या 9 महीने तक कतई संभोग नहीं करना चाहिए? इन सभी सवालों का हल आपको यहां मिलेगा।
सबसे पहले बात करते हैं डॉक्‍टर की सलाह की, जो संभोग करने से मना करते हैं। असल में डॉक्‍टर गर्भवती महिलाओं को संभोग के लिए सख्‍ती से तभी मना करते हैं, जब बच्‍चे में किसी प्रकार के कॉम्‍प्‍लीकेशंस हों। यदि बच्‍चे की ग्रोथ अच्‍छी है, तो तीन महीने पूरे होने पर सेक्‍स किया जा सकता है।
यहां पर यह तो साफ हो गया कि गर्भावस्‍था में संभोग कर सकते हैं, लेकिन यहां पर जरूरी है सावधानी। जी हां ऐसे समय में सेक्‍स के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं। उसका ध्‍यान पति को ज्‍यादा रखना पड़ता है, क्‍योंकि गर्भावस्‍था के दौरान अधिकांश महिलाओं में सेक्‍स करने की इच्‍छा तीव्र होती है।
इन पोजीशंस में करें सेक्‍स
गर्भावस्था के दौरान सेक्स करते समय पोजिशन का ध्‍यान रखना जरूरी होता है। कुछ पोजीशन (अवस्‍थाएं) ऐसी हैं, जिन्‍हें बनाकर सेक्‍स करने से बच्‍चे पर प्रभाव नहीं पड़ता।
पोजीशन-1: पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेट जाएं। महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख दे। इस अवस्‍था में संभोग करने से गर्भ को झटके नहीं लगते। हालांकि सातवें महीने से ऐसा करना थोड़ा कठिन होता है।
पोजीशन-2: महिला पुरुष के ऊपर बैठ जाए। महिला का मुख या तो पुरूष के मुख की ओर हो या पैरों की ओर। इस पोजीशन पर सेक्‍स करने से गर्भवती महिला के शरीर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता। ऐसी अवस्‍था में चुंबन लेते वक्‍त सावधानी बरतनी चाहिए, क्‍योंकि चुंबन लेते समय महिला का पेट दब सकता है।
पोजीशन-3: महिला पीठ के बल टखने मोड़कर लेट जाए। अपनी टांगें पुरूष के कंधे पर रख दे और सेक्‍स करें। इस पोजिशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता।
पोजीशन-4: पुरुष किसी आरामदायक कुर्सी, बैड, आर्मचेयर आदि पर बैठे। उसके ऊपर महिला बैठ जाए और संभोग कर सेफ सेक्‍स किया जा सकता है।
पोजीशन-5: महिला अपनी तरफ सिकुड़कर लेट जाए। पुरूष पीछे लेटकर संभोग की क्रिया करे। इससे भी प्रेगनेंसी पर असर नहीं पड़ता। खास बात यह है कि इस पोजीशन में आठवें व नवें महीने तक संभोग किया जा सकता है।