अगर आपने कभी ध्‍यान दें तो पायेंगे कि रात के वक्त महिलाएं यौन संबंधों के लिये उत्तेजित रहती हैं, जबकि पुरुष सुबह उठते ही सेक्स करने के लिये लालायित रहते हैं। अगर आप यह सोच रहे हैं कि पुरुषों के मन में हर दम सेक्स घूमता रहता है, तो आप गलत हैं। असल में इसके पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण है। तो चलिये बात करते हैं सुबह के वक्‍त स्थापित किये जाने वाले यौन संबंधों की।
रात के समय पुरुषों का यौन क्रियाओं की ओर जल्‍दी आकर्षित नहीं होने का मुख्‍य कारण दिन भर की थकान होती है। कई बार तो महिला पार्टनर के पूरी तरह रोमांटिक होने के बावजूद पुरुष पार्टनर का मूड नहीं बन पाता है और बिस्तर पर गिरते ही वो सो जाता है। लेकिन सुबह का नजारा इसके एकदम उलट होता है। अकसर पुरुष सुबह उठते ही अपनी महिला पार्टनर के साथ लिपट जाते हैं। कई बार बिस्तर पर लेटे-लेटे ही वह उत्तेजित हो उठते हैं। लेकिन कई बार ऐसे क्षणों में उनकी महिला पार्टनर उनका साथ नहीं निभा पाती हैं।
एक अध्‍ययन के अनुसार पुरुषों में टेस्‍टोस्‍टीरोन हार्मोन का स्तर सुबह के समय बहुत अधिक होता है। यह वो हार्मोन होता है जो व्‍यक्ति को सेक्स के प्रति उत्तेजित करता है। यही कारण है कि पुरुष सुबह के वक्त ज्‍यादा उत्तेजित हो उठते हैं।
कब बढ़ता है टेस्टोस्टीरोन का लेवल
पुरुषों में इस हार्मोन का स्तर सोते समय ही काफी बढ़ जाता है। और सुबह होते होते यह चरम पर होता है। महिलाओं के शरीर में भी टेस्टोस्टीरोन का स्राव होता है, लेकिन बेहद कम मात्रा में। और हां यह अपने उच्चतम स्तर पर केवल रात के समय होता है। टेस्टोस्टीरोन का स्तर निर्भर करता है पुरुषों के सोने की अवधि पर। पुरुष जितनी अधिक देर तक सोयेंगे उनके अंदर इस हार्मोन का प्रभाव उतना अधिक होगा।
स्ट्रेस हार्मोन का प्रभाव
अधिकांश महिलाओं को शिकायत रहती है कि उनके पति रात को बिस्तर पर आते ही सो जाते हैं। इस वजह से कई बार उनकी रात खराब हो जाती है। झगड़े भी होते हैं और रात को जल्दी सो जाने की वजह से मानसिक तनाव और टकराव भी होता है। सच पूछिए तो पुरुष जान बूझ कर कभी तुरंत नहीं सो जाते हैं। असल में उन पर हावी होता है स्ट्रेस हार्मोन। इस हार्मोन का नाम है कोर्टिसोल हार्मोन। जैसे-जैसे दिन ढलता है यह हार्मोन पुरुषों और महिलाओं दोनों के टेस्टोस्टीरोन हार्मोन पर हावी होने लगता है।
रात को अकसर तनाव
जो महिलाएं घर पर रहती हैं, उनमें उसका स्तर इतना अधिक नहीं होता, लेकिन जो पुरुष एवं महिलाएं काम पर जाते हैं, उनमें स्ट्रेस हार्मोन का स्तर शाम होते-होते काफी ऊपर चला जाता है। और इसका प्रभाव रात को बिस्तर पर तनाव के रूप में दिखायी देता है।
दोपहर को भी सक्रिय होता है सेक्स हार्मोन
शायद आपको मालूम नहीं होगा कि पुरुषों में दोपहर के समय भी सेक्स हार्मोन यानी टेस्टोस्टीरोन सक्रिय रहता है। बीच-बीच में इसका लेवल ऊपर नीचे होता रहता है। इसका लेवल बढ़ते ही पुरुषों के लिंग में रक्त संचार बढ़ जाता है, जिसकी वजह से उसमें अचानक कड़ापन आ जाता है।
क्या करें महिलाएं
यदि आप चाहती हैं कि रात को आपके पति आपके साथ अच्छे से सौन संबंध स्थापित करें, तो उनके घर वापस आते ही उन्हें आराम दें। अगर हो सकें तो आधा-एक घंटे की नींद लेने को कहें, ताकि नींद में उनका टेस्टोस्टीरोन का लेवल वापस बढ़ जाये और स्ट्रेस हार्मोन का असर कम हो जाये। उसके बाद जब आप बेड पर जायें, तब उन्हें जगाकर मीठी-मीठी बातें करें। इस तरह से निश्चित रूप से आपके यौन जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देंगे, अन्यथा आप रात को जल्दी सो जाने के लिये अपने पति को दोष देती रहेंगी, जबकि असली कारण तो हार्मोन है, जिसका नियंत्रण आपके पति के हाथ में नहीं।