कामसूत्र में कहा गया है कि 70 प्रतिशत महिलाओं को संभोग के दोरान रतिनिष्‍पत्ति यानी सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में काफी कठिनाई होती है। संभोग एक ऐसी क्रिया है जिसमें दोनों की भूमिका महत्‍वपूर्ण होती है। यह सिर्फ पुरुष का ही काम नहीं कि वो अपनी पार्टनर को उत्‍तेजित करे, बल्कि महिला की भूमिका भी महत्‍वपूर्ण होती है। यहां हम बतायेंगे कि महिलाओं को चरम सीमा तक पहुंचे में क्‍यों दिक्‍कत होती है-
फोरप्‍ले- आमतौर पर पुरुषों को फोरप्‍ले यानी संभोग से पहले की यौन क्रियाएं पसंद नहीं होती। जिस वजह से वो जल्‍द से जल्‍द संभोग की क्रिया पर चला जाते हैं और खुद सेक्‍स की चरमसीमा तक आसानी से पहुंच जाते हैं, जबकि उनकी पार्टनर उस यौन सुख से वंचित रह जाती है। लिहाजा संभोग से पहले कम से कम उतना फोरप्‍ले तो होना ही चाहिये, जितना स्‍त्री पार्टनर की आवश्‍यकता है।
ढेर सारे काम- महिलाएं अपने ढेर सारे कार्यों को एक साथ करने के लिए जानी जाती हैं। दुर्भाग्‍यवश उनका यह गुण उनके यौन जीवन पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है। संभोग के दौरान कई बार महिलाएं चरमसीमा तक पहुंचते-पहुंचते रह जाती हैं, वो इसलिए क्‍योंकि बीच में उनका ध्‍यान किसी और काम में या बात पर चला जाता है, जिस वजह से रति निष्पित्ति में कठिनाई होती है। ऐसे में कई बार महिलाएं महज अपने पार्टनर को खुश करने के लिए ही संभोग करती हैं, ना कि खुद को।
यौन अवस्‍थाएं- आमतौर पर महिलाओं को कामसूत्र की सभी यौन अवस्‍थाएं नहीं भातीं। कुछ ही अवस्‍थाएं होती हैं, जिनमें वे यौन सुख का मजा ले पाती हैं, अन्‍यथा वो चरमसीमा तक नहीं पहुंचती। ऐसे में आपको अपने पार्टनर को बता देना चाहिये, कि आपको कौन सी स्‍टाइल अच्‍छी लगती है और उसी को फॉलो करना चाहिये।
जल्‍दी-जल्‍दी अवस्‍थाएं बदलना- यौन क्रिया के दौरान आम तौर पर पुरुषों को जल्‍दी-जल्‍दी अवस्‍थाएं बदलना पसंद होता है। इसका कारण यह कि महिलाओं के मुकाबले उनमें जल्‍दी रति निष्‍पत्ति हो जाता है, लेकिन उनकी यह चाहत उनकी पार्टनर को चरमसीमा तक पहुंचने में बाधा डालती है। महिलाएं बार बार पोजीशन बदलने से ज्‍यादा किसी एक या दो पोजीशन में संभोग करना ज्‍यादा पसंद करती हैं।