खतरे की घंटी
यदि उपर लिखी बातें कहीं आपके जीवन मे दखल दे रही हैं तो सावधान हो जाइए। यह आपके लिए खतरे की घंटी है। दरअसल यह किस तरह आपके जीवन में दखल दे रहा है... यह जानने के लिए आपको अपनी दिनचर्या पर एक नजर दौड़ानी होगी। हम सुबह उठते हैं। झटपट ब्रश किया, बाथरूम में घुसे। कपड़े बदले और टीवी देखते हुए हड़बड़ी में नाश्ता किया। ट्रैफिक के शोर और ऑफिस देर से पहुंचने के तनाव के साथ हमारा दिन शुरु होता है।
तनाव को खत्म भी करता है सेक्स
दफ्तर में सारा दिन कंप्यूटर के आगे टकटकी लगाने के बाद और कई बार अतिरिक्त काम का बोझ निपटाने के बाद देर शाम को आप घर पहुंचते हैं। जरा एक निगाह अपनी सहधर्मिणी पर भी डाल लें जो एक-के बाद एक पड़ने वाले घरेलू कामों को निपटाती हुई जब रात को बिस्तर पर पहुंचती हैं तो उनके दिमाग में होती हैं अगले दिन की चिंताएं, सुबह जल्दी उठने की बेचैनी और नींद।
सेक्स वह आखिरी शब्द है जो इस दिनचर्या से जूझते किसी दंपति के दिमाग में कौंधता है...
यदि आप उन चंद खुशकिस्मत लोगों में से हैं जो इसे याद रखे हुए हैं तो भी यह आपके लिए दिनचर्या के तमाम कामों की तरह जल्दी से निपटाया जाने वाला एक रूटीन का काम बनकर रह जाता है। आपके मन मे न तो सेक्स के प्रति कोई आकर्षण है, न कोई उत्तेजना।
लेकिन शायद राह भी यहीं से है। आप जानते हैं कि सेक्स तनाव को खत्म करने और आपकी उबाऊ दिनचर्या में रंग भरने में कितनी अहम भूमिका निभा सकता है।
तो शुरुआत सुबह से करें...
कहीं से भी हो सकती है शुरुआत...
क्या हुआ अगर रात को आप जल्दी सो गए। फिक्र मत कीजिए। सुबह जल्दी उठिए और अपने साथी की नींद एक गर्म चुंबन से खोलिए। सुबह उठने से पहले थोड़ी चुहलबाजी और शरारत चलेगी। जल्दी नींद लें... आधे घंटे पहले उठें और पूरे दिन को खुशनुमा बनाएं... शुरुआत कहीं से भी हो सकती है। प्यार भरे जादुई स्पर्श से लेकर सुबह तैयार होते वक्त शावर में साथ नहाने तक। कभी मौका मिले तो अपने साथी को खुद तैयार करें। जाहिर सी बात है आप उसे छेड़ने और शरारत करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। प्यार की शुरुआत यहीं से होती है...
कुछ लम्हे चुराएं एक-दूसरे के लिए
अपनी व्यस्त जिंदगी में से कुछ लम्हे एक-दूसरे के लिए चुराएं। किचेन में साथ खाना पकाएं। थोड़ी शरारत और बहुत सारे प्यार के साथ जो कुछ भी पकेगा... उसे साथ बैठकर खाने का मजा ही कुछ और होगा। सेक्स के लिए कोई एक जगह और वक्त न तय करें। वक्त की तलाश करें... यह सुबह का वक्त भी हो सकता है... कोई सुनसान दोपहर या किसी शाम जब झूमकर बरसात हो रही हो... और आप अकेले हों तो एक-दूसरे में खो जाइए। देखिए प्यार के वो लम्हें किस तरह आपके लिए यादगार बन जाएंगे।
साथ में बैठकर कोई फिल्म देखें। कोई फैमिली ड्रामा नहीं। कोई रोमांटिंक या अडल्ट फिल्म। आप को खुद हैरानी होगी कि कितनी जल्दी आप बड़े स्वाभाविक तरीके से रोमांस के मूड में आ गए। और अगर मूड में आ गए हैं तो हड़बड़ी मत करिए। इसे लंबा बनाइए। मंजिल तक पहुंचने में वक्त लीजिए।
रोमांटिक डेट पर जाइये
बच्चों की छुट्टियां हों तो उन्हें दादा-दादी के पास भेज दीजिए। वे भी होमवर्क और कार्टून फिल्मों से निकलकर बाहर की दुनिया और अपने बुजुर्गों के अनुभवों से कुछ सीखेंगे और आप के लिए यह किसी रोमांटिक डेट पर जाने या हनीमून से कम नहीं होगा। छुट्टियां लीजिए। मनपसंद कपड़े पहनकर कहीं खूबसूरत सी जगह पर घूमने जाइए। अकेले में एक-दूसरे से दिल की बातें शेयर कीजिए। अतीत की खूबसूरत यादों में गोता लगाइये या भविष्य के सपने बुनिए... मगर अपने रूटीन से बाहर चुराए गए कुछ पल आपकी जिंदगी में फिर से एक नया रंग भर देंगे।