डेली मेल की खबर में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के लिए एक व्यक्ति के करीब 100 शुक्राणु लिए। उन्होंने पाया कि प्रत्येक शुक्राणु बिल्कुल अलग तरह का था और उसका कारण डीएनए था। रीकॉम्बिनेशन कहलाने वाली इस प्रक्रिया में मिलेजुले जीन वास्तव में उस पुरूष की मां और उसके पिता के थे जो उसे मिले और उनमें अनुवांशिकी विविधता विकसित हुई थी।
यह शुक्राणु 40 साल की उम्र के एक व्यक्ति के थे जो पूरी तरह स्वस्थ था और उसके शुक्राणु सामान्य रूप से सक्रिय थे। अध्ययन के नतीजे सेल जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। मानव शरीर की ज्यादातर कोशिकाओं में माता और पिता से मिले डीएनए वाले 23 क्रोमोसोम की दो दो प्रतियां होती हैं। लेकिन पुरूषों में शुक्राणुओं तथा महिलाओं में अंडाणु में इन क्रोमोसोम की केवल एक ही प्रति होती है।