उन्होंने लेकिन राय दी है कि दिल के सभी मरीजों को चाहिये कि वे फिर से यौन संबंध कायम करने से पहले अपने चिकित्सकों से राय लें। हेल्थ.काम ने ह्यूस्टन में बेलर कालेज आफ मेडीसन के ग्लेन एन लेविन के हवाले से कहा कि यह देखा गया है कि दिल की बीमारी का पता लगने अथवा इलाज करा चुके मरीज और उनके साथी अक्सर फिर से यौन संबंध कायम करने को लेकर परेशान रहते हैं।
कभी तो मरीज का साथी ज्यादा परेशान नजर आता है। लेखकों के अनुसार यौन संबंध के दौरान दिल की समस्या विरल है। दिल के दौरों में यौन संबंधी गतिविधि से पडने वाला दौरा एक प्रतिशत से भी कम होता है। जो लोग नियमित तौर पर व्यायाम करते हैं उनमें तो यह संभावना और भी कम होती है। लेविन के अनुसार अधिकतर हृदयरोग विशेषग्य अपने मरीजों के साथ इस विषय को नहीं उठाते और उनकी घबराहट और अवसाद के बारे में बहुत कम पूछते हैं। पत्रिका सकर्लेसन में छपे नये दिशा-निर्देशों का कई विशेषग्यों ने समर्थन किया है।