टीनेजर्स के अंदर अपनी यौन इच्‍छाओं को पूरा करने की ललक हमेशा से ज्‍यादा रही है। जीवन का यह दौर ऐसा होता है, जिसमें बच्‍चे बिना सोचे समझे कई ऐसे काम कर जाते हैं, जिनके परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं। इन्‍हीं में से एक है असुरक्षित यौन संबंध स्‍थापित करना। जी हां एक शोध में यह पाया गया है कि ज्‍यादातर टीनेजर्स सेक्‍स करते वक्‍त कंडोम का प्रयोग नहीं करते।
वो सोचते हैं कंडोम से सेक्‍स का अनुभव फीका पड़ जाता है। जबकि ऐसा करने से वो अनचाहे गर्भधारण, एड्स और यौन संचारित रोगों को दावत देते हैं। अभी तक यौन संचारित रोगों का मुख्‍य कारण अज्ञानता ही बताया जाता था, लेकिन एक अध्‍ययन में यह पता चला है कि युवाओं में सेक्‍स के बेहतर अनुभव की ललक भी ऐसे रोगों को दावत दे रही है।
ब्रेडली हैस्‍ब्रो चिल्‍ड्रेन रिसर्च सेंटर ने तीन अन्‍य संस्‍थानों के साथ मिलकर हाल ही में 15 से 21 वर्ष की आयु के बच्‍चों पर एक अध्‍ययन किया। इस अध्‍ययन में 1400 ऐसे बच्‍चे शामिल किए गए, जिन्‍होंने बीते तीन महीनों में असुरक्षित यौन संबंध स्‍थापित किए थे।
अध्‍ययन में पाया गया कि टीनेजर्स जो कंडोम का इस्‍तेमाल नहीं करते हैं, उनके मन में यह धारणा है कि कंडोम से यौन सुख फीका पड़ जाता है। कई ऐसे भी टीनेजर्स थे, जिनके पास कंडोम था, लेकिन उनके पार्टनर ने उसके इस्‍तेमाल से इंकार कर दिया।
टीनेजर्स पर किए गए इस अध्‍ययन ने खतरे की घंटी जरूर बजा दी है। वो इसलिए क्‍योंकि दुनिया भर में फैल रहे यौन संचारित रोगों व एड्स के बढ़ने का खतरा और अधिक हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि टीनेजर्स को ज्‍यादा से ज्‍यादा जागरूक करने की जरूरत है। हालांकि विशेषज्ञों ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि गर्भनिरोधक गोलियों के बढ़ते चलन के कारण कंडोम का इस्‍तेमाल घटा है। आज टीनेजर्स का विश्‍वास गर्भनिरोधक गोलियो पर ज्‍यादा हो गया है, लेकिन वे ये नहीं जानते कि असुरक्षित यौन संबंध उनके जीवन को बर्बाद कर सकता है।