हाल ही में हुए एक अध्‍ययन में यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। अध्‍ययन के मुताबिक टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित मरीजों के अध्ययन से पता चला है कि उनमें इरेक्टल डिस्फंक्शन (ईडी) के लक्षण भविष्य में हृदय की बीमारी और यहां तक की कभी-कभी वह मौत का कारण भी बन सकता है। ईडी एक प्रकार की यौन बीमारी होती है।
मौत भी हो सकती है
चीन के पीटर चुग यिप तोंग विश्वविद्यालय में हुए इस अध्‍ययन के मुताबिक मधुमेह, ईडी और हृदय की बीमारी रक्त धमनियों को निष्क्रिय करने में महती भूमिका निभाती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि हृदय की गति ठीक-ठाक बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि रक्त धमनियों का संचालन सही तरीके से हो नहीं तो हृदयाघात और मौत की गुंजाइश बनी रहेगी।
शोध प्रमुख चुन ईप टांग ने बताया, "हमने अध्ययन के दौरान देखा कि यौन दुर्बलता रक्त वाहिकाओं में मौजूद कोशिकाओं को निष्क्रिय बना देते हैं। इसके कारण शरीर के रक्त के संचालन में परेशानी उत्पन्न होती है और यह मृत्यु का कारण बनकर उभरता है।"
उन्होंने कहा कि रक्त के प्रवाह में दिक्कत आने से कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है जिसके कारण शरीर में रक्त के थक्के बन जाते हैं और यह हृदय की रक्त धमनियों के संचालन को बंद कर देता है जिससे हार्ट अटैक पड़ना निश्चित है।